महाविद्यालय में प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी हिंदी विभाग और विभागीय हिंदी परिषद के सहयोग से विश्व हिन्दी दिवस मनाया गया। प्राचार्य महोदय के संरक्षण एवं अनुमति के बाद इस कार्यक्रम की शुरुआत की गई। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में सुश्री प्रतिभा कश्यप ने बताया कि प्रत्येक वर्ष 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य पूरे विश्व में हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए अधिक प्रयास करना और इसे अंतर्राष्ट्रीय भाषा के रूप में विकसित करने के लिए हर स्तर पर कदम उठाया जाना है। साथ ही हिंदी विभाग के अतिथि व्याख्याता श्री भानु प्रताप आहिरे ने बताया कि आम तौर पर लोगों के मन में सवाल आता है कि विश्व हिंदी दिवस, राष्ट्रीय हिंदी दिवस से किस प्रकार से अलग है, दोनों ही दिवसों का उद्देश्य हिंदी भाषा का प्रचार और प्रसार करना है। राष्ट्रीय हिंदी दिवस 14 सितंबर को मनाया जाता है और वहीं विश्व हिंदी दिवस 10 जनवरी को मनाया जाता है। भारत में पहली बार विश्व हिंदी का सम्मेलन 1975 में हुआ था। तब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इसकी अगुवाई की थी। उस वक्त मॉरिशस, यूनाइटेड किंगडम, त्रिनिदाद और टोबैगो में भी विश्व हिंदी का सम्मेलन किया गया था। इन्होंने छात्रों को हिंदी के इतिहास के बारे में विस्तारपूर्वक बतलाया साथ ही श्री अहिरे ने भाषा एवं बोली में अंतर को उदाहरण के साथ विस्तारपूर्वक समझाया। श्री बुध लाल साहू सहायक प्राध्यापक हिंदी के द्वारा बहुत ही सुंदर काव्य पाठ की गई एवं प्लूटो के काव्य को लेकर विचार को प्रकट किया गया। श्री टी आर राहंगडाले ने हिंदी दिवस मनाने का उद्देश्य, हिंदी भाषा के प्रति जागरूकता को बढ़ाने की बात की। इन्होंने बताया कि पहली बार विश्व हिंदी दिवस 10 जनवरी 2006 को मनाया गया था, तब से हर साल इसे इसी तरह हिंदी दिवस 10 जनवरी को मनाया जाता है। श्री सी बी मिश्र विभागाध्यक्ष वाणिज्य ने बताया कि हिंदी भाषा को भारत में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति को अपने लेखनी और बोलचाल के लिए रूप में अनिवार्य रूप से प्रयोग में लायी जानी चाहिए।आधुनिकता के इस द्वौर में विश्व भर के विभिन्न भाषाओं को व्यक्ति सीख व बोल सकता हैं किन्तु हिंदी भाषा को अपने अंदर बनाए रखना है अत्यंत आवश्यक है। विश्व हिन्दी दिवस के अवसर पर महाविद्यालय में कार्यरत सुश्री प्रतिभा कश्यप, श्री सी. बी. मिश्र, श्री टी. आर. राहंगडाले, डॉ विनोद कुमार साहू, श्री बुध लाल साहू, श्री भानु प्रताप आहिरे, श्री हेमेंद्र कुमार सेन, ने हिंदी भाषा के संबंध में विचार प्रकट किया। साथ ही इस अवसर पर महाविद्यालय के छात्र - छात्राओं ने विचार व्यक्त किया और काव्य पाठ किए। इस दौरान महाविद्यालय के प्राध्यापक गण और अध्ययनरत छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित रहें।