शासकीय रेवती रमण मिश्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय सूरजपुर में डॉ. शियाली रामामृत रंगनाथन की 131वीं जयंती मनायी गयी। कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय के प्राचार्य महोदय डॉ. एच.एन. दुबे एवं उपस्थित-प्राध्यापक गण द्वारा दीप प्रज्वलित कर राज्य गीत गाकर किया गया इसके पश्चात पुस्तकालयाध्यक्ष श्रीमती नीरजा भगत द्वारा मंचासीन अतिथियों का स्वागत किया गया। श्रीमती नीरजा भगत द्वारा डॉ. एस.आर. रंगनाथन द्वारा पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान जगत में योगदान एवं उपलब्धियां की जानकारी दी। जिस कारण से वे ग्रंथालय विज्ञान के जनक कहे जाते हैं। डॉ. एस. आर. रंगनाथन ही ऐसे पुरूष थे जो पुस्तकालय विज्ञान को वास्तविक आवश्यकता को पहचाने। साथ ही हाल ही में भारत के नई दिल्ली के प्रगती मैंदान में 5 व 6 अगस्त दिवसीय पुस्तकालय महोत्सव 2023 में पुस्तकालयों का आधुनिकीकरण एवं डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने, वन-नेशन वन डिजिटल लाईब्रेरी से अवगत करायी। पाठकों को किताबों से रूबरू होने के लिए इंडिया कल्चर पोर्टल पर लॉगइन होना पड़ेगा। इससे घर बैठे सारी जानकारी देश के सभी लाईब्रेरी की संसाधनों की जानकारी मिल जाएगी। श्रीमती नीरजा भगत द्वारा कुछ लाइन द्वारा छात्र-छात्राओं को पुस्तकों एवं ग्रथालय के महत्व को बताया जो किसी के जीवन में बदलाव ला सकता है। जो डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम द्वारा कही गई - “ Onebest book is equal to hundred good friends but one good friend is equal to alibrary” उन्होंने छात्र-छात्राओं को महाविद्यालय ग्रंथालय संसाधनों की जानकारी देते हुए आग्रह किया कि ग्रंथालय के संसाधनों का सदुपयोग करें। साथ ही ग्रंथालय में अच्छे किताबों की संग्रह पर जोर दिया।
तत्पश्चात डॉ. एच.एन. दुबे, (प्राचार्य) द्वारा डॉ. एस.आर. रंगनाथन के पुस्तकालय विज्ञान को आगे बढ़ाने में योगदान एवं समर्पण को बताते हुए छात्र-छात्राओं से आग्रह किये कि वे खाली समय में ज्यादा से ज्यादा ग्रंथालय एवं ग्रंथालय सेवाएं का उपयोग करें। सुश्री प्रतिभा कश्यप, समाजशास्त्र विभागाध्यक्ष द्वारा ग्रंथालय के अपने पुराने अनुभव बताते हुए तुलनात्मक रूप से पुराने समय के ग्रंथालय सेवाओं एवं वर्तमान समय के आधुनिक डिजिटल ग्रंथालय एवं ग्रंथालय उपयोग के लाभ से अवगत कराये। डॉ. चंदन कुमार, प्राणिशास्त्र विभागाध्यक्ष द्वारा डॉ. एस.आर. रंगनाथन के जीवन की विस्तृत जानकारी देते हुए बच्चों को ग्रंथालय में अध्ययन के लाभ बताये। अपने ग्रंथालय अनुभव एवं कैसे उंचे पदोें को हासिल करने की जानकारी दी। डॉ. विकेश कुमार झा, रसायनशास्त्र विभागाध्यक्ष डिजिटल ग्रंथालय से अवगत कराये, डॉ. रश्मि पाण्डेय अर्थशास्त्र विभागाध्यक्ष द्वारा छात्र-छात्राओं को मन में पढ़ने की, कुछ अच्छा कर दिखाने की जिज्ञासा उत्पन्न करने वाले बात कही गई। अंत में प्राचार्य महोदय द्वारा छात्र-छात्राओं को प्रोत्साहन स्वरूप पुरस्कार दिये गये जो छात्र-छात्राएं सबसे ज्यादा डिजिटल ग्रंथालय छ.स्पेज एवं ग्रंथालय के उपयोगकर्ता रहे। डॉ. चंदन कुमार द्वारा आभार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम का समापन किया गया। कार्यक्रम में मुख्यरूप से महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. एच.एन. दुबे, सुश्री प्रतिभा कश्यप, श्री चंद्रभूषण मिश्र, डॉ. विकेश कुमार झा, डॉ. चंदन कुमार, डॉ. रश्मि पाण्डये, श्री आनंद कुमार पैंकरा, डॉ. सलीम किस्पोट्टा, श्री बुद्धलाल साहू, डॉ. विनोद कुमार साहू, डॉ. शिवानी गुप्ता, श्रीमती निर्मला एक्का, कु. निशा खत्री, श्री विष्णु कुशवाहा, श्री संजय सिंह, श्री अनुराग तिवारी, श्री अनिल चक्रधारी, श्री राहुल नीरज, श्री दीपचंद एक्का एवं समस्त महाविद्यालय कर्मचारी एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहें।