शासकीय रेवती रमन मिश्र स्नाातकोत्तर महाविद्यालय में दिनाँक- 31-07-2021 को एक दिवसीय ऑनलाइन सेमीनार का आयोजन हुआ। महाविद्यालय के आई.क्यू.ए.सी. सेल, स्पर्श सेल, एवं सेमिनार सेल के सयुक्त तत्वाधान में लिंग भेद : समस्या और समाधान (Gender Sensitization: Issues and Challenges) विषय पर सेमिनार आयोजित हुआ। प्राचार्य डाॅ. एस. एस. अग्रवाल ने समाज में व्याप्त इस ज्वलत विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए अतिथियों का स्वागत किया एवं डाॅ. चन्दन को इस आयोजन हेतु बधाई दी। आई.क्यू.ए.सी. समन्वयक डाॅ. चन्दन कुमार ने सर्वप्रथम, विषय से अवगत कराते हुए लिंग भेद के कारण समाज की स्थिति पर चर्चा की। इस सेमिनार की मुख्य वक्ता के रूप में शासकीय महाविद्यालय, डुमरीया, जरही (छ.ग.) की समाज शास्त्र विभागाध्यक्ष श्रीमती अर्पना एक्का थीं। उन्होने हमारे समाज में व्याप्त रूढ़िवादिता के कारण बचपन से ही बेटा और बेटी में भेद रखते हुए उनका पालन-पोषण किया जाता है, जिसके कारण बेटी ज्यादा प्रतिभाशाली, एवं गुणी और जिम्मेदार होने के बाद भी हमेशा, दूसरे दर्जे पर ही रहती हैं, पर चर्चा की। सेमिनार के सह प्रायोजक एवं रसायन शास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. वी.के. झा. ने लैंगिक असमानता के कारणों पर चर्चा की। सेमिनार के सचिव एवं विभागाध्यक्ष वनस्पति शास्त्र श्री.टी.आर. रहंग्डाले ने लिंगभेद में हमारे देश की स्थिति को व्यक्त करते हुए अपने विचार प्रस्तुत किए। महाविद्यालय के वाणिज्य विभागाध्यक्ष श्री सी.बी. मिश्रा ने लिंगानुपात की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होनें मुख्य वक्ता से तत्वसंबंधी कुछ प्रश्नों का समाधान प्राप्त किया। हिंदी विभागाध्यक्ष एवं स्पर्श सेल की सह समन्वयक डाॅ. कल्याणी जैन ने समाज से लिंगभेद दूर करने हेतु लोगों को जागृत करने का आव्हान किया।
सेमिनार में जे.पी. विश्वविद्यालय, छपरा, बिहार की सहा. प्राध्यापक डाॅ. मृदुला कुमारी अतिथि वक्ता के रूप में शामिल हुई और उन्होंने बहुत ही सरल शब्दों में लैंगिक असमानता के दुष्परिणाम पर चर्चा की एवं उसके संभावित उपाय भी बताए। मुख्य वक्ता एवं विषय विशेषज्ञ श्रीमती अर्पना एक्का ने महाविद्यालय परिवार के प्रति आभार व्यक्त करते हुए पुनः इस ज्वलंत विषय पर चर्चा की संभावना व्यक्त की।
डाॅ. चन्दन कुमार सेमिनार समन्वक ने सेमिनार के सफल आयोजन हेतु प्राचार्य महोदय को धन्यवाद ज्ञापित किया एवं सभी सहयोगियों के प्रति आभार व्यक्त किया। सेमिनार में छत्तीसगढ़ राज्य एवं अन्य राज्यों से लगभग 400 से अधिक सहा. प्राध्यापक, शोधार्थी एवं विद्यार्थी शामिल हुए।